विभिन्न सामाजिक संगठनों ने युवाओं की पहल को सराहा
हमारे संवाददाता | आर्यावर्त इनसाइडर
केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने जब कोविड 19 के प्रसार को रोकने के लिए 21 दिन के पूर्ण लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की घोषणा की, तब प्रतिदिन अपनी जान दांव पर लगाकर राष्ट्र सेवा में तत्पर अवसाद से ग्रस्त कोरोना वॉरियर्स और अन्य लोगों की मदद के लिए देश के विभिन्न राज्यों के कुछ युवाओं ने मदद का संकल्प लिया।
लोगों को राशन आदि तो हर कोई उपलब्ध करा रहा था लेकिन एक अन्य समस्या जिस पर किसी का ध्यान नहीं था वो थी देश में आत्महत्या के बढ़ते मामले और मानसिक रोगियों की हर रोज बढ़ती संख्या। इस पहल को देश के विभिन्न राज्यों से जुड़े युवा रुद्र ठाकुर, मोऊ प्रधान, मुकुल चौधरी, सोनम, रिषभ ठाकुर, मरीना दाई, दिनेश राजपूत, रविन्द्र कुमार और अमन कुमार ने सबसे पहले अपने आप को सेवाभाव की भूमिका में लाकर यह तय किया कि जो लोग इस समस्या की गंभीरता से प्रभावित है उनको मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिकित्सा उपलब्ध कराई जाए।
इन युवाओं ने पहले ऐसे लोगों की जानकारी जुटाने के लिए पहल की जो इस समस्या से जूझ रहे है। डॉक्टर्स और मनोचिकित्सकों को अपने साथ जोड़ने के लिए कॉल पर समझाना आसान नहीं था पर इनका लक्ष्य काफी बड़ा था। इसके लिए स्वयं इन्हें संसाधन जुटाना था।
अपने कार्यों को नियोजित तरीके से बढ़ाने के लिए इन युवाओं ने 'माइंडसेलो.कॉम' वेबसाइट का निर्माण किया। यह वेबसाइट कोरोना वॉरियर्स स्वास्थ्य कर्मियों, मीडियाकर्मियों, सफाईकर्मियों और अन्य लोगों को इस महामारी के समय में शशक्ता प्रदान कर रही है।
पहल के लॉन्च होते ही पहले दिन से 100 से ज्यादा लोगों ने अपनी समस्याओं को साझा किया। पहल को काफी संगठनों ने सम्मानित कर सराहा भी हैं। अब ये युवा चाहते है कि सरकार उनके साथ आगे आकर मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या पर भी कार्य करे ताकि लॉक डाउन के पश्चात लोगों में घरों में रहने से पनपे इस आक्रोश का असर समाज में अपराधों की बढ़ती संख्या के रूप में सामने ना आए। इस संस्था ने अन्य मनोचिकित्सकों और युवाओं से भी अपील की है कि वे अपने नागरिक कर्त्तव्य को समझते हुए मदद के लिए जुड़ें।
वेबसाइट : www.mindselo.com/find-a-therapist/
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