जानकी देवी बजाज जी का परिचय : स्वतंत्रता संग्राम सक्रिय योद्धा | आर्यावर्त इनसाइडर

जानकी देवी बजाज , (जन्म- 7 जनवरी, 1893; मृत्यु- 21 मई, 1979) 
वह गांधीवाद जीवन शैली की कट्टर समर्थक थीं। उन्होंने कुटीर उद्योग के माध्यम से ग्रामीण विकास में काफी सहयोग किया। वह एक स्वावलंबी महिला थीं, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया था। उनके व्यक्तित्व में एक विरोधाभास-सा था। 
जानकी देवी बजाज जहाँ दानी, मित्तव्ययी और कठोर थीं, वहीं दूसरी ओर दयालु भी बहुत थीं। जानकी देवी बजाज के आजीवन किये गए कार्यों को सम्मानित करने के लिए भारत सरकार ने सन् 1956 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।भारत में पहली बार 17 जुलाई, 1928 के ऐतिहासिक दिन को जानकी देवी अपने पति और हरिजनों के साथ वर्धा के लक्ष्मीनारायण मंदिर पहुँचीं और मंदिर के दरवाजे हर किसी के लिए खोल दिए। एसी सत्य, अहिंसा एवं त्याग की विचारधारा की समर्थक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा कुटीर उद्योग के माध्यम से ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने वाली पद्म व‍िभूषण से सम्मानित जानकी देवी बजाज जी की पुण्यतिथि पर उन्‍हें विनम्र श्रद्धांजलि।
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